हरियाणा के प्राकृतिक संसाधनों के उत्खनन की जिम्मेदारी वहां के बेरोजगार युवकों को दी जाए-डा. मिथिलेश डांगी

 हरियाणा के प्राकृतिक संसाधनों के उत्खनन की जिम्मेदारी वहां के बेरोजगार युवकों को दी जाए-डा. मिथिलेश डांगी




20 जनवरी (शनिवार)को आजादी बचाओ आंदोलन की जूम मीटिंग संपन्न हुई है जिसमें हरियाणा के प्राकृतिक संसाधन तथा कॉरपोरेट के द्वारा उसके दोहन पर विस्तार से आंदोलन के संयोजक डॉक्टर मिथिलेश डांगी ने अपनी बात रखी।


उन्होंने शुरुआत में कहा कि हरियाणा में खनिज, उपजाऊ भूमि,जल निकाय, वन और वन्य जीव सहित प्राकृतिक संसाधनों की एक संतोषजनक भंडार है।

हरियाणा राज्य का गठन 1 नवंबर 1966 को हुई। यह पंजाब से भारत के 17वें राज्य के रूप में अलग हुआ।इस प्रदेश में 22 जिले हैं।इसका क्षेत्रफल 44,212 वर्ग किलोमीटर है अर्थात 17,070 वर्ग मील। क्षेत्रफल के अनुसार यह देश का 20 वां राज्य है तथा इसका क्षेत्रफल देश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 1.4% है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां 2 करोड़ 53 लाख 51 हजार 462 लोग निवास करते हैं ।



इस प्रदेश के प्रति व्यक्ति आय 1लाख 32 हजार 89 रू वार्षिक है। परकैपिटल इनकम में यह राज्य अन्य राज्यों की तुलना में बहुत समृद्ध है  तथा एक संपन्न राज्य के रूप में जाना जाता है ।उन्होंने कृषि संसाधन पर बात करते हुए कहा कि इस प्रदेश में कुल 4.42 मिलियन हेक्टेयर जमीन है इसमें से 80% खेती के अधीन है और खेती योग्य भूमि का 84% भाग संचित श्रेणी में आता है। यहां 38.09 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्रफल है। जिसमें 35.56 लाख हेक्टेयर शुद्ध बोया गया क्षेत्रफल है।इस प्रदेश में 15.028 लाख परिवार कृषि कार्य से जुड़े हुए हैं,जिनमें 

  • 7.04 लाख सीमांत किसान 
  • 2.94 लाख छोटे किसान तथा 
  • 5.30 लाख अन्य किसान है ।

इस प्रदेश में कुल क्रॉप एरिया 63.5 लाख हेक्टेयर है ।2008- 09 के एक रिपोर्ट के अनुसार इस प्रदेश में गेहूं की उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 43 क्विंटल थी जबकि चना 5.05 क्विंटल तथा सरसों 17.50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी। इस प्रदेश में औसतन 70 से 75 लाख मैट्रिक टन गेहूं की उपज प्रतिवर्ष होती है तथा जौ लगभग 35000 मैट्रिक टन, चना 50000 मैट्रिक टन तथा सरसों लगभग 12 लाख मैट्रिक टन होता है ।

यहां के लोगों के परकैपिटल इनकम में मुख्य हिस्सा कृषि उपज का ही है। हालांकि, आधुनिक खेती के कारण इस प्रदेश के 30% खेतों में जिंक की कमी तथा 24% खेतों में लोह कणों  की कमी हो गई है फिर भी अन्य राज्यों की तुलना में यह आज भी कृषि संपन्न है ।


जल संसाधन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में यमुना नदी ही मुख्य नदी है जबकि अन्य नदियों में दो भाग हैं।

एक उत्तरी हरियाणा में उत्तर पूर्व से दक्षिण पश्चिम की ओर बहने वाली बरसाती नदियां जो हिमालय की शिवालिक पहाड़ियों से निकलती हैं, जिनमें घग्घर, हकरा , चौटांग, टांगरी ,कौशल्या, मारकंडा, सरस्वती और सोम है।  जबकि, दूसरी ओर दक्षिणी हरियाणा में अरावली की पहाड़ियों से निकलने वाली नदियां जो दक्षिण पूर्व में उत्तर पश्चिम की ओर बहती हैं जिनमें साहिबि, दोहान, कृष्णावती और इंदौरी मुख्य हैं। 


हरियाणा में बने बांध की चर्चा करते हुए डॉक्टर मिथिलेश डांगी ने कहा कि यमुना नदी पर हथिनीकुंड तथा ताजे वाला बैराज पंचकूला जिले में कौशल्या बांध यमुनानगर में पथराला बैराज  सिरसा ओटू बैराज। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले लगभग 14,000 जोहडों और 60 झीलों का  प्रबंधन हरियाणा राज्य वाटर बॉडी प्रबंधन बोर्ड हरियाणा के जिम्मे है।राज्य का एकमात्र गरम चश्मा सोहना में स्थित है।प्रदेश में लगभग 20.93 अरब घन मीटर पानी उपलब्ध  है ।


राज्य में वन्य जीव के बारे में विस्तार से बताते हुए संयोजक महोदय ने कहा कि हरियाणा राज्य में विभिन्न वाले जंगली जीव हैं।काला हिरण, नीलगाय, पैंथर, लोमड़ी, नेवला, सियार और जंगली कुत्ता प्रमुख एवं बहुतायत हैं। इनमें से काला हिरण हरियाणा के एक समुदाय के लिए पूजनीय है और वह बिश्नोई समुदाय कहलाता है।

इस प्रदेश में 450 से अधिक प्रजातियों की पक्षियां भी पाई जाती हैं।हरियाणा में ऊर्जा संसाधन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा सन 1970 तक सभी गांव में बिजली पहुंचाकर देश का पहला राज्य बना। सन 1977 के बिजली सुधार अधिनियम के अनुसार 14 अगस्त 1998 को राज्य के बिजली बोर्ड को दो निगमों में बांट दिया गया 1. हरियाणा बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड 

2.  हरियाणा बिजली प्रसारण निगम लिमिटेड

 हरियाणा बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड का कार्य राज्य की ताप व जल बिजली घरों की देखरेख व रखरखाव करना है जबकि हरियाणा बिजली प्रसारण निगम लिमिटेड को भी दो हिस्सों में बांटा गया। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण विभाग तथा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम । इनका काम हरियाणा में बिजली वितरण का है ।


हरियाणा एक ऐसा प्रदेश है जहां बिजली उत्पादन के सभी ज्ञात तरीकों से बिजली निर्माण का कार्य होता है। जैसे :-  तापीय विद्युत परियोजना ,जल विद्युत परियोजना, पवन ऊर्जा परमाणु विद्युत परियोजना, बायोमास विद्युत परियोजना , सौर ऊर्जा प्रमुख हैं।

 वर्तमान समय में हरियाणा में लगभग 13000 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन की इकाइयां स्थापित की गई हैं परंतु वर्तमान समय में हरियाणा में 8287 मेगावाट बिजली उत्पादित हो रही है।

 खनिज संसाधनों पर दृष्टिपात करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में एक ऐसा पत्थर पाया जाता है, जो पूरी दुनिया में सिर्फ तीन जगहों पर मिलता है ।

1.  ब्राजील के मिनास जीराइस में 

2. अमेरिका के उत्तरी कैरोलिना में और

3. हरियाणा के चरखी दादरी के कल्याणा गांव में।

 यह पत्थर हिलना पत्थर कहलाता है जिसे डांसिंग स्टोन या फ्लेक्सिबल सैंड स्टोन कहते हैं । हरियाणा में पाया जाने वाला हिलना पत्थर पीला है । इसके अलावा अन्य खनिज इस प्रकार हैं

खनिज                    भंडार   

                       (मिलियन टन में)

  1. टिन।                     53.91
  2. क्वार्ट्ज सिलिका   1811.231  
  3.  क्वार्टजाइट           621.98
  4.  चाइना क्ले             12.065
  5. लाइम स्टोन           74.677
  6. बैराइट्स               440 टन
  7. कैल्साइट         350800टन
  8. फेल्सपर           72164 टन
  9. संगमरमर            22.328 मि. टन
  10.  तांबा                  32.90 मि. टन
  11. डोलोमाइट           29.489
  12. टंगस्टन                 2.23 
  13. ग्रेनाइट  34 मिलियन क्यूबिक मीटर
  14. स्लेट पत्थर            _______

इत्यादि पाए जाते हैं।

हरियाणा में पाए जाने वाले इन 13 खनिजों का कुल बाजार मूल्य लगभग 19. 41 ट्रिलीयन करोड़ रुपए है।

इस मूल्य को  अगर हरियाणा  की जनसंख्या से भाग देते हैं तो पाते हैं कि राज्य के प्रति व्यक्ति खनिज संसाधनों का मूल्य 7 लाख 65 हजार 404 रुपए होते हैं। इन सभी खनिजों पर देश और विदेश की राष्ट्रीय  और बहुराष्ट्रीय कंपनियां नजर जमाए हुए हैं तथा उत्खनन भी कर रही हैं, परंतु हरियाणा की अधिकांश लोग अपनी इस लूट को अभी तक नहीं समझ पाए हैं।भारत के संविधान के अनुच्छेद (39ख) के अनुसार इन संसाधनो पर समुदाय की मालकियत स्थापित किया जाए तथा इस अकूत संपत्ति को विधि  अनुसार उत्खनन की जिम्मेवारी हरियाणा के बेरोजगार युवकों की टोली बनाकर किया जाए तथा उसका संपूर्ण लाभ हरियाणा की जनता को दी जाए । इस कार्य के को करने के लिए एक संघर्ष की जरूरत है।

हरियाणा के प्राकृतिक संसाधनों के उत्खनन की जिम्मेदारी वहां के बेरोजगार युवकों को दी जाए-


हरियाणा के अडानीकरण की चर्चा भी उन्होंने विस्तार से की।


 1.साइलो निर्माण की बात करते हुए डॉक्टर डांगी ने कहा कि अडानी एग्रो लॉजिस्टिक कंपनी हरियाणा के पानीपत के नौल्था कैथल जिले के सोलमाजरा एवं सोनीपत की मोडलाना गांव में साइलो निर्माण  की योजना बनाया है। पानीपत में यह योजना सेज के तहत किया जा रहा है जिसके तहत नौल्था गांव में 200एकड़ भूमि की जरूरत है। यहां कंपनी गैरकानूनी ढंग से प्रशासनिक पदाधिकारियों की मिलीभगत से किसानों की जमीन हड़प रही है। इस पर एक मुकदमा भी हो चुका है।

आप जानते हैं कि एक साइलो में लगभग 2,00,000 टन अनाज रखने की क्षमता होती है । यह अनाज भारतीय खाद्य निगम की तरफ से अडानी एग्रो लॉजिस्टिक को भंडारण के लिए दिया गया है । इसमें बड़ी लूट शामिल है क्योंकि भारतीय खाद्य निगम आज तक एक टन अनाज भंडारण के लिए अपने भंडार को 45 रुपया प्रति टन भुगतान करता है जबकि अदानी को एक  टन के लिए 200 रूपया दिया जा रहा है।

अडानी इस भंडारण पर कब्जा करके देश में खाद्य सुरक्षा के लिए भविष्य में  बड़ा खतरा बनेगा। यह सभी कृषि प्रधान राज्यों में इस प्रकार के साइलो निर्माण कर रहा है ताकि देश के खाद्यान्न पर उसका एकक्षत्र अधिकार हो सके और बाद में अपने मनमाने तरीके से लोगों के भूख का सौदा किया जा सके।

2. अडानी समूह हरियाणा में खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाएगा 


सोनीपत जिले में गोहाना - खरखौदा रोड पर 80 एकड़ क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने जा रहा है जिस पर 1600 करोड़ रुपए खर्च होंगे ।

 यहां गेहूं का आटा, तेल, घी, चावल मिल  तथा राइस ब्रान ऑयल रिफाइनरी यूनिट, बिस्कुट और कंफेक्शनरी उत्पादन भी किया जाएगा।

3. ऊर्जा क्षेत्र में निवेश वर्तमान समय में हरियाणा को अपनी आवश्यकता से 1500 मेगावाट बिजली कम पड़ रहा है अर्थात इसकी आवश्यकता है। हरियाणा राज्य के लिए वर्तमान सरकार ने अदानी के साथ 1500 मेगावाट बिजली आपूर्ति के लिए लॉन्ग टर्म समझौता किया है। यह बिजली अडानी समूह अपने गुजरात के मुंद्रा ताप बिजली उत्पादन केंद्र से  दे रहा है।

कुछ दिन पहले अदानी ने इस समझौते के खिलाफ हरियाणा की बिजली कट कर दिया था तथा राज्य सरकार पर समझौता की विपरीत प्रति यूनिट दर को बढ़ाने का दबाव बनाया जिसे राज्य सरकार ने लगभग 25 पैसा प्रति यूनिट बढ़ाकर वर्तमान दर ₹3.20  प्रति यूनिट कर दिया।


4. रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश- अडानी गुरुग्राम के सेक्टर 99A में Tatva Estate के नाम से 10750.051 वर्ग मीटर की जमीन पर आवासीय प्लॉट बना रहा है।

गुरुग्राम के ही सेक्टर 60 में Samsara M block के नाम से 15972 वर्ग मीटर भूखंड पर अपार्टमेंट बना रहा है। 


हरियाणा के प्राकृतिक संसाधनों के उत्खनन की जिम्मेदारी वहां के बेरोजगार युवकों को दी जाए-

इन स्थानों पर भी किसानों को ठगा गया है।

इन सभी खनिजों पर देश और विदेश की राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियां नजर जमाए हुए हैं तथा उत्खनन भी कर रही हैं, परंतु हरियाणा की अधिकांश लोग अपनी इस लूट को अभी तक नहीं समझ पाए हैं।भारत के संविधान के अनुच्छेद (39ख) के अनुसार इन संसाधनो पर समुदाय की मालकियत स्थापित किया जाए तथा इस अकूत संपत्ति को विधि  अनुसार उत्खनन की जिम्मेवारी हरियाणा के बेरोजगार युवकों की टोली बनाकर किया जाए तथा उसका संपूर्ण लाभ हरियाणा की जनता को दी जाए। इस कार्य के को करने के लिए एक संघर्ष की जरूरत है।

डॉ डांगी के द्वारा अपनी बात रखने के बाद सवाल जवाब का भी एक सत्र हुआ जिसमें बुद्धिजीवी साथी श्री रामदेव जी ने भी अपनी बात रखकर बताया कि अदानी समूह विदेश में भी खनिज संसाधनों का दोहन कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में इसके खिलाफ आक्रोश इतना ज्यादा रहता है की यदा-कदा मुकदमा चलाने की भी बात होती है।

हरियाणा के साथी श्री हिमांशु युवा ने हरियाणा के प्राकृतिक संसाधनों के कारपोरेटीकरण के खिलाफ एक पर्चा निकलने का सुझाव दिया।


इस जूम मीटिंग में अपनी बात रखने वाले उपरोक्त साथी के अलावे हसमुख भाई पटेल, फैजल जी, विजयभान जी, दिवाकर भाई, दिनेश यादव, मनीष सिन्हा आदि कई साथी उपस्थित थे।

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