आजादी बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं की किसी एक शहर में बैठक शीघ्र होगी-डॉक्टर मिथिलेश डांगी
आजादी बचाओ आंदोलन की कोर कमेटी की जूम बैठक 27 जनवरी को संपन्न हुई।
इस बैठक में आंदोलन की गतिविधियों को गतिशील बनाने के लिए हो रहे काम की जानकारी साथियों के द्वारा दी गई। आंदोलन के जुझारू साथी हिमांशु युवा ने बताया कि आंदोलन की पत्रिका नई आजादी उद्घोष जो राष्ट्रीय कार्यालय इलाहाबाद से कई वर्षों तक लगातार निकलती रही थी, उस नाम (नई आजादी उद्घोष) से आंदोलन का फेसबुक पेज, फेसबुक चैनल,फेसबुक आईडी,युट्युब चैनल, इंस्टाग्राम ,ट्विटर, या है। इसके अलावा वैबसाइट की भी स्थापना की गई है। वेबसाइट का क्युआर कोड़ भी बनाया गया है जिसके द्वारा उसे स्कैन कर डायरेक्ट वेबसाइट पर जाया जा सकता है। वेबसाइट की viewer की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
इसी क्रम में आजादी बचाओ आंदोलन के संयोजक डॉक्टर मिथिलेश डांगी ने बताया कि 26 जनवरी को रांची में एक 'जनता सरकार' के नाम से एक सम्मेलन रखा गया था वह सम्मेलन बाजारवादी अर्थव्यवस्था के तहत रुपए के अवमूल्यन के संबंध में था। मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर देवेंद्र बल्हारा ने अपनी बात रखी।
डॉ डांगी को भी संसाधनों की लूट के संबंध में अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित किया गया था।
27 जनवरी को जब जूम बैठक हो रही थी तभी वह उसे सम्मेलन से वापस लौट रहे थे।
उन्होंने बताया कि उन्हें 1 घंटे तक बोलने का मौका दिया गया, जिसके तहत उन्होंने चार राज्य पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा और झारखंड में संसाधनों की लूट के बारे में विस्तार से अपनी बातें रखी। इस व्याख्यान में उन्होंने सामूहिक उत्तरदायित्व के द्वारा संसाधनों की लूट को रोकने पर बल दिया।
उन्होंने आगे बताया कि संथाल परगना में आ रहे कोल ब्लॉक खिलाफ 27 जनवरी को साथियों के साथ रांची में एक अन्य बैठक हुई। इसमें इस बात की चर्चा हुई की 584 हेक्टेयर वन भूमि को बिना ग्राम सभा की अनुमति के अदानी कंपनी को सौंप दिया गया है। जबकि संविधान की धारा 48 ए में कहा गया है कि वन भूमि और वन्य जीव जंतु की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। लेकिन सरकार खदान और तथा तथाकथित विकास के नाम पर पूरी वन भूमि और वन्य जीव जंतु को उजाड़ने में लगी है,जो बिल्कुल असंवैधानिक है।
अंत में साथियों के द्वारा इस बात पर खुशी जताई गई कि हम सभी लोग आंदोलन के बारे में पिछले तीन महीने से जूम मीटिंग पर चर्चा करते रहे हैं। झारखंड जैसे राज्य में आंदोलन आज भी गतिशील है। सर्वसम्मति से जूम मीटिंग में यह भी तय हुआ कि आने वाली महीने में हम सभी लोग किसी एक शहर में मिलकर आंदोलन की रूपरेखा तय कर सकते हैं। इस क्रम में उत्तर भारत के कुछ शहरों को आंदोलन की बैठक के लिए चिन्हित किया गया, जिसके बारे में आगे निर्णय लेना है।
इस बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि आगामी शनिवार 3 फरवरी को पंजाब में संसाधनों की लूट के बारे में जूम मीटिंग की जाएगी जिसके मुख्य वक्ता डॉक्टर मिथिलेश डांगी होंगे।
इस मीटिंग में अपनी बात रखने वाले उपरोक्त साथी के अलावा राजकुमार भारत, सीलम झा, दिनेश यादव तथा मनीष सिन्हा उपस्थित थे।
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